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Showing posts from May, 2013

राजस्थान का नामकरण-

राजस्थान का नामकरण- वर्तमान राजस्थान के लिए पहले किसी एक नाम का प्रयोग नहीं मिलता है। इसके भिन्न-भिन्न क्षेत्र अलग-अलग नामों से जाने जाते थे।  वर्तमान बीकानेर और जोधपुर का क्षेत्र महाभारत काल मे ‘जांगल देश’ कहलाता था। इसी कारण बीकानेर के राजा स्वयं को ‘जंगलधर बादशाह’कहते थे।  जांगल देश का निकटवर्ती भाग सपादलक्ष (वर्तमान अजमेर और नागौर का मध्य भाग) कहलाता था, जिस पर चौहानों का अधिकार था।  अलवर राज्य का उत्तरी भाग कुरु देश , दक्षिणी और पश्चिमी मत्स्य देश और पूर्वी भाग शूरसेन देश के अन्तर्गत था।  भरतपुर और धौलपुर राज्य तथा करौली राज्य का अधिकांश भाग शूरसेन देश के अन्तर्गत थे। शूरसेन राज्य की राजधानी मथुरा, मत्स्य राज्य की विराटनगर और कुरु राज्य की इन्द्रप्रस्थ थी।  उदयपुर राज्य का प्राचीन नाम ‘ शिवि ’ था, जिसकी राजधानी ‘ मध्यमिका ’ थी। आजकल ‘ मध्यमिका ’ ( मज्झमिका ) को “ नगरी ” कहते हैं। यहाँ पर मेव जाति का अधिकार रहा, जिस कारण इसे मेदपाट अथवा प्राग्वाट भी कहा जाने लगा।  डूँगरपुर, बाँसवाड़ा के प्रदेश को वागड़ कहते थे।  जोधपुर के राज्य को मरु अथवा मारवाड़ कहा जाता था। जोधपुर