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राष्ट्रीय बालिका दिवस सम्मान | प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 | National Girl Child Day Award

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर विभिन्न योजनाओं के तहत उल्लेखनीय कार्य करने वाली बालिकाओं का सम्मान   राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी के अवसर पर विभिन्न योजनाओं के तहत उल्लेखनीय कार्य करने वाली बालिकाओं को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महिला एवं बाल विकास के शासन सचिव डॉ. के.के. पाठक द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया, जो निम्नलिखित है- आई एम शक्ति योजना के तहत रतना कौर व संजना कौर ,  शिक्षा सेतु योजना के तहत पूजा बैरवा व दीपिका,  आरएससीआईटी निःशुल्क कम्प्युटर योजना के तहत मनीषा कंवर शेखावत व मीनु कंवर,  नमदा कार्य टोंक के तहत, दिव्या गोस्वामी व मेघा वर्मा  आरएससीएफए योजना के तहत ममता मीणा व कीर्ति मीणा।  प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 के विजेता देशभर के 32 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया। भारत सरकार नवाचार , शिक्षा , खेल , कला एवं संस्कृति , समाज सेवा और बहादुरी के क्षेत्र में असाधारण क्षमता और उत्कृष्ट उपलब्धियांहासिल करने वाले बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित कर रही है। पुरस्कार से सम्मानित होने वाले बच्चे 21

समसामयिक घटनाचक्र-
राजस्थान के डूंगरसिंह समेत राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजे जाएंगे 24 बच्चे

अद्वितीय साहस तथा बुलंद हौसले से ओत-प्रोत देशभर के 24 बालकों ने स्वयं की जान को जोखिम में डालकर दूसरों के प्राण बचाए तथा समाज व देश के लिए बलिदान का उदाहरण बन गए। 16 लड़के व 8 लड़कियों सहित इन सभी बहादुर बच्चों के अदम्य साहस का सम्मान करते हुए इन्हें गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा दिए जाने वाले वर्ष 2011 के राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के लिए चुना गया है। इनमें से दूसरों को अपने प्राण न्योछावर कर बचाने वाले पांच बच्चों को मरणोपरांत सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार प्राप्त करने वाले बच्चे निम्नांकित है- > सर्वोच्च 'भारत' अवार्ड- उत्तराखंड के पंद्रह वर्षीय कपिल सिंह नेगी को उनकी बहादुरी के लिए मरणोपरांत। > 'गीता चोपड़ा' अवार्ड- गुजरात की मित्ताल पाटडिया को डकैतों की मंशा विफल करने के लिए के लिए। > 'संजय चोपड़ा' अवार्ड- उत्तरप्रदेश के ओमप्रकाश यादव को। >'बापू गैधानी' अवार्ड-अरुणाचल प्रदेश के आदित्य गोपाल [मरणोपरांत], दिल्ली के उमा शंकर और छत्तीसगढ़ की अंजली सिंह गौतम को। इसके अलावा पुरस्कृत किए जाने वाले बच्चे निम्नां

राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2010 -

अपनी जान की परवाह किए बगैर दूसरों की जान बचाने वाले 23 बच्चों को इस साल राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार प्राप्त हुआ। इनमें राजस्थान की चंपा कंवर और श्रवण कुमार (6 साल) भी शामिल हैं। श्रवण यह पुरस्कार पाने वाले बच्चों में सबसे कम उम्र का है, जबकि चंपा को यह पुरस्कार चंपा को मरणोपरांत मिला। पुरस्कार पाने वाले बच्चों में नौ लड़कियां व 14 लड़के हैं। ये पुरस्कार भारतीय बाल कल्याण परिषद द्वारा दिए जाते हैं जिसकी वर्तमान अध्यक्ष गीता सिद्धार्थ है। राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की शुरूआत भारतीय बाल कल्याण परिषद ने उन बच्चों को पहचान दिलाने के उद्देश्य से किया था जो उत्कृष्ट वीरता का परिचय देकर दूसरों का जीवन बचाते हैं। वर्ष 1957 में पहली बार दो बच्चों को यह पुरस्कार दिया गया था। नवम्बर 2009 में राजस्थान की छह वर्षीय चम्पा कंवर ने अपने गाँव में अपनी झोपडी में लगी आग में घिरी अपनी बहन को बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। हालांकि इस प्रयास के बावजूद वह अपनी सात वर्षीय बहन और स्वयं का जीवन नहीं बचा सकी।