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Main breeds of Indian horses - जानिये भारतीय घोड़ों की मुख्य नस्लें

Main breeds of Indian horses - भारतीय अश्वों की मुख्य नस्लें 1. मारवाड़ी (मालानी) घोड़े - मारवाड़ी घोड़े का इस्तेमाल राजाओं के ज़माने में युद्ध के लिए किया जाता था। इसलिए कहा जाता है कि इन घोड़ों के शरीर में राजघराने का लहू दौड़ता है। मालानी नस्ल के घोड़े अपनी श्रेष्ठ गुणवता के कारण देश-विदेश मे पहचान बना चुके हैं और इनकी खरीद-फरोख्त के लिए लोग बाड़मेर जिले के तिलवाड़ा मेले में पहुँचते है। पोलो एवं रेसकोर्स के लिए इन घोड़ों की माँग लगातार बढ़ रही है। दौड़ते समय मालानी नस्ल के घोड़े के पिछले पैर, अपने पैरों की तुलना में, अधिक गतिशील होने के कारण अगले पैरों से टक्कर मारते हैं, जो इसकी चाल की खास पहचान है। इनके ऊँचे कान आपस में टकराने पर इनका आकर्षण बढ़ जाता हैं और ये घोड़े कानों के दोनों सिरों से सिक्का तक पकड़ लेते हैं। चाल व गति में बेमिसाल इन घोड़ों की सुन्दरता, ऊँचा कद, मजबूत कद-काठी देखते ही बनती हैं। राजस्थान में  घोड़े जोधपुर, बाड़मेर, झालावाड़, राजसमन्द, उदयपुर, पाली एवं उदयपुर आदि स्थानों में पाये जाते है। जन्म स्थान :   इस नस्ल के घोड़ों का जन्म स्थल राज

Bovine animals in Rajasthan राजस्थान में गौ-वंश - (राजस्थान में पशुधन)

राजस्थान में गौ-वंश राजस्थान के पशुपालन के क्षेत्र में गाय का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। राजस्थान की अर्थव्यवस्था में गौधन का महत्वपूर्ण स्थान है।  भारत की समस्त गौ वंश का लगभग 8 प्रतिशत भाग राजस्थान में पाया जाता है। गौ वंश संख्या में भारत में प्रथम स्थान उत्तरप्रदेश का है। राजस्थान राज्य का भारत में गौ-वंश संख्या में सातवाँ स्थान है। राज्य में कुल पशु-सम्पदा में गौ-वंश प्रतिशत 22.8 % है। संख्या में बकरी के पश्चात् गौवंश का स्थान दूसरा है। राजस्थान में अधिकतम गौवंश उदयपुर जिले में हैं जबकि न्यूनतम धौलपुर में हैं। गौशाला विकास कार्यक्रम की राज्य में शीर्ष संस्था राजस्थान गौशाला पिजंरापोल संघ, जयपुर है। बस्सी (जयपुर) में गौवंश संवर्धन फार्म स्थापित किया गया है। राज्य गौ सेवा आयोग, जयपुर की स्थापना 23 मार्च 1951 को की गई थी। गौ-संवर्धन के लिए दौसा व कोड़मदेसर (बीकानेर) में गौ सदन स्थापित किए गए हैं। राज्य में पशुगणना 2012 के अनुसार कुल गौधन संख्या 1,33,24,462 या लगभग 133.2 लाख (13.32 मिलियन) है।  अन्तर पशुगणना अवधि (2007-2012) के दौरान गौधन की संख्या में 9.94% की वृद्धि

Some Important Facts About Dairy Development in Rajasthan राजस्थान में डेयरी विकास के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य-

राजस्थान में डेयरी विकास के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य- बेहतरीन दुधारू पशु की नस्लों के साथ राजस्थान के देश का एक प्रमुख दुग्ध उत्पादक राज्य है जो भारत में पांचवां सबसे बड़ा पशु जनसंख्या वाला राज्य भी है। राजस्थान में गिर, थारपारकर, राठी और साहीवाल सबसे अच्छी दुग्ध उत्पादक स्वदेशी नस्लें हैं तथा नागौरी बैल एक प्रमुख प्रजनन नस्ल है। राजस्थान राज्य भैंस जनसंख्या के मामले में भारत में दूसरे स्थान पर है। यह वर्ष 2015 में देश में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य था और राज्य में सकल दुग्ध उत्पादन करीब 17,000 लाख टन था जो भारत के कुल दूध उत्पादन का 12% है। वर्ष 2015 में राजस्थान में दुग्ध उत्पादन में भैंस का सबसे बड़ा योगदान था, जिसके पश्चात् क्रमश: गाय और बकरी का योगदान दूसरा और तीसरा स्थान था। राज्य में समस्त दुग्ध उत्पादन के विपणन को सहकारी समितियों के मजबूत नेटवर्क द्वारा सुगमता से किया जाता है। सहकारी समितियों का नेटवर्क एक राज्य स्तरीय शीर्ष संगठन, RCDF (राजस्थान सहकारी डेयरी फेडरेशन) के नेतृत्व में कार्यरत है। वर्तमान में राजस्थान में ऐसी 13,878 डेयरी सहकारी स

Livestock Population in Rajasthan राजस्थान में पशुधन संख्या -

राजस्थान में पशुधन संख्या Livestock Population in Rajasthan - ( स्रोत - 19 th LIVESTOCK CENSUS-2012 ALL INDIA REPORT ) निम्नलिखित तालिका में अन्तर पशुगणना अवधि के दौरान राजस्थान में पशुधन की कुल संख्या में परिवर्तन को दर्शाया गया है। The following table shows the changes in the total number of livestock in Rajasthan during the inter censual period. कुल पशुधन संख्या Total Livestock Population - 18th Livestock Census 2007 (in Millions) 18 वीं पशु गणना 2007 19th Livestock Census 2012 (in Millions) 19 वीं पशु गणना 2012 56.66 मिलियन ( 566 . 6 लाख ) 57.73 मिलियन ( 577 . 3 लाख ) 2007-2012 तक की अवधि में विभिन्न प्रजातियों के पशुओं की कुल संख्या 566.6 लाख से बढ़ कर 577.3 लाख ( 9 . 4 लाख आवारा मवेशियों को छोड़कर ) हो गई है। इसमें पशुओं की आबादी में 1.89% की वृद्धि दर्ज की गई है। जनगणना 2012 के अनुसार नीचे दिए गए चित्र में कुल पशुधन आबादी को विभिन्न प्रजातियों अंतर्गत दर्शाया गया है: विभिन्न